बढ़ती गर्मी( Rising Heat): कारण और समाधान
भारत में बढ़ते तापमान की स्थिति
वर्तमान में बढ़ती गर्मी (Rising Heat) चर्चा का प्रमुख विषय बन चुकी है। इस साल, पूरे भारत में तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है। राजस्थान, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, और दिल्ली समेत कई राज्यों में पारा 48 से 50 डिग्री तक पहुँच चुका है। कुछ जिलों में तापमान 50 डिग्री से भी अधिक हो चुका है। हिमाचल प्रदेश में भी स्थिति चिंताजनक है: ऊना में 45 डिग्री, बिलासपुर में 43 डिग्री, धौला कुआँ में 43.2 डिग्री, हमीरपुर में 42.7 डिग्री, कांगड़ा में 40.8 डिग्री और मंडी में 40.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है।
गर्मी का कारण: पेड़ों की कटाई और अन्य कारक
वर्तमान बढ़ते तापमान (Rising temperatures) को लेकर अक्सर सुझाव मिलता है कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि हम समझें कि क्या वनों की कटाई ही एकमात्र कारण है या इसके अन्य कारण भी हैं। वनों की कटाई निश्चित रूप से एक प्रमुख कारण है, लेकिन इसके अलावा भी कई कारण हैं जो गर्मी को बढ़ा रहे हैं:
- जीवाश्म ईंधन: कोयला, तेल, और प्राकृतिक गैस का उपयोग
- बढ़ती आबादी: खाद्य उत्पादन की बढ़ती मांग
- शहरीकरण और औद्योगिकरण: कच्चे माल और अन्य उद्देश्यों के लिए पेड़ों की कटाई
- ज्वालामुखी विस्फोट: पर्यावरण पर प्रभाव
- प्लास्टिक का उपयोग: प्रदूषण में योगदान
वनों की कटाई के प्रमुख कारण
वनों की कटाई के पीछे कई मुख्य कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
- कृषि: खाद्य उत्पादन की बढ़ती मांग के कारण पेड़ों की कटाई।
- आबादी में वृद्धि: भूमि प्राप्त करने और कृषि लकड़ी की जरूरतों के लिए।
- औद्योगीकरण: कच्चे माल के लिए पेड़ों की कटाई।
- जंगल की आग: वनों के नुकसान का एक कारण।
- कागज का निर्माण: प्रतिदिन 200 मिलियन पेड़ों की कटाई; 1 टन कागज के लिए लगभग 25 पेड़ों की आवश्यकता।
World Enviornment Day!!
— RashmiPandey (@rashmip1) June 5, 2024
please plant trees and protect them, keep your surroundings clean, stop using polythene bags!! reuse recycle and reduce! @dmgbnagar @ChiefSecyUP @UPGovt @DrGargava @GBNVikasSamiti @EMCT19 pic.twitter.com/RM7RTK7K6m
समाधान और सुझाव
वृक्षारोपण की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए केवल नए पेड़ लगाना ही पर्याप्त नहीं है। हमें लगे हुए पेड़ों की रक्षा के लिए भी उचित उपाय अपनाने चाहिए:
- कागज का कम उपयोग: पेड़ बचाने के लिए कागज बर्बाद न करें।
- पुस्तकें उधार लें: नई किताबें खरीदने के बजाय, किताबें उधार लें और साझा करें।
- लकड़ी के विकल्प: फर्नीचर खरीदते समय लकड़ी के विकल्प पर विचार करें।
- टिश्यू का कम उपयोग: कागज़ के टिश्यू के बजाय कपड़े के तौलिए का उपयोग करें।
पर्यावरण में पेड़ों का योगदान
पेड़ पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
- ऑक्सीजन उत्पादन: प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं।
- वायु की गुणवत्ता में सुधार: वायु को साफ करते हैं।
- जलवायु सुधार: जलवायु को संतुलित करने में मदद करते हैं।
- जल और मिट्टी का संरक्षण: जल और मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखते हैं।
- वन्य जीवन का समर्थन: वन्य जीवन के लिए आवास प्रदान करते हैं।
सामुदायिक प्रयास और सरकारी नीतियाँ
पेड़ लगाने के साथ-साथ हमें अपने परिवार और दोस्तों को पौधे उपहार देने और पौधारोपण के लिए प्रेरित करना चाहिए। यदि शहरों में जगह की कमी है, तो टेरेस गार्डन की सिफारिश की जा सकती है।
सरकारी स्तर पर, औद्योगिकरण और रिहायशी मकानों के लिए पूर्वनिर्धारित स्थान होना चाहिए ताकि जंगलों की कटाई को रोका जा सके। भारत में वन संरक्षण के लिए कानून मौजूद हैं, लेकिन इनका प्रभावी कार्यान्वयन आवश्यक है।
नॉर्वे ने वनों की कटाई पर प्रतिबंध लगाकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भारत को भी इस तरह के कड़े निर्णय लेने की आवश्यकता है।